प्रधानाध्यापक और प्रवेक्षक बच्चों के भविष्य साथकर रहे खिलवाड़

जयसिंहनगर, से दिव्यांश तिवारी 7747023698
इन दोनों सभी कक्षाओं की वार्षिक परीक्षा चल रही है जिसमें कक्षा 6 और 7 की परीक्षा भी हो रही है मामला जयसिंहनगर जनपद क्षेत्र के करकी संकुल के अंतर्गत आने वाले हरतला माध्यमिक विद्यालय की है जहां पर बच्चों को पूरे साल ना तो कुछ पढ़ाया जाता है और ना ही कुछ सिखाया जाता है और परीक्षा के समय बच्चों को गाइड और किताब रखा कर पेपर सॉल्व करवाया जाता है सूत्रों के मुताबिक पता चला है की बच्चों को कक्षा में परीक्षा के लिए बैठ। कर उन्हें गाइड और किताबें दे दी जाती हैं जिससे बच्चे अपना पेपर पूरी तरह सॉल्व कर सकें और तो और जब पर्यवेक्षक से पूछा गया की आप ऐसा क्यों करते हैं तो उन्होंने चुप्पी साथ ली क्या इसी तरह बच्चों का भविष्य अंधकार में डालते रहेंगे क्या ऐसे ही बच्चों का भविष्य बन पाएगा जिन्हें अभी नकल करा कर परीक्षा फल प्रतिशत बढ़ाने के लिए बच्चों को ऐसे ही पास करते रहेंगे तो बच्चों के भविष्य का क्या होगा । वहां जाकर पता चला की वास्तव में परीक्षा में नकल के विषय में जो बातें गांव वालों के द्वारा बताई गई थी वह सही है

माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक अपना एग्रीमेंट बचाने के लिए बच्चों को नकल कराते हैं ताकि बच्चों का परीक्षा फल प्रभावित न हो और सत प्रतिशत रिजल्ट आए जिससे उन्हें साल भर पढ़ाने की जरूर भी नहीं रहती और ना ही बच्चों को कुछ सीखने की जरूरत रहती है और रिजल्ट भी 100% रहता है। वहां जाने पर पता की पूरे शिक्षक भी उपस्थित नहीं हैं लोगों ने बताया की शिक्षकों के आने का समय 12:30 रहता है और जाने का समय 2:20 एक दो शिक्षकों छोड़ कर और जब मन हुआ तब गए नहीं जाने की भी जरूरत नहीं समझते उस दिन की अटेंडेंस अगले दिन लग ही जाएगी तो वेतन कटौती का कोई भय भी नहीं रहता इस तरह में बच्चों के भविष्य पर क्या प्रभाव पड़ेगा क्या प्रभारी प्रधानाध्यापिका इन बातों को लेकर अपने शिक्षक को समझाइए नहीं देती हैं या अतिथि शिक्षक की उपस्थिति अनुपस्थित से उनका कोई वास्ता नही है या फिर उनका भी बनाया हुआ कोई सिस्टम है क्या उच्च शिक्षा अधिकारी इस विषय को गंभीरता से लेंगे या ऐसे ही इसे टाल दिया जाएगा
इनका क्या कहना
जब माध्यमिक विद्यालय हरतला की प्रभारी प्रधानाध्यापिका से परीक्षा में नकल कराने के विषय में बात की गई तो उन्होंने कहा मुझे कुछ नहीं मालूम आप पर्यवेक्षक से बात करिए।
प्रधानाध्यापक (नंदनी बढ़करे)

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