पटेल जी! आप भिखारी न होते तो मंत्री-सांसद कैसे बनते ?

जनता से भीख माँगते जिस नेता की उम्र बीत गई, वही नेताजी जनता को मार रहे भिखारी होने का ताना

पं. पुष्पेन्द्र उरमलिया।
पद के नशे में भाजपा के नेता इन दिनों चूर हैं। नगरीय निकायों से प्रधानमंत्री की कुर्सी तक सत्ता हथिया पाने में सफल इन नेताओं की जुबान इनकी अंतरात्मा के काले सच को बयाँ कर रही है। पब्लिक में भी भरे मंच से इन नेताओं की वैचारिक अश्लीलता कैमरों में रिकार्ड होकर वायरल हो रही है। राजगढ़ जिले के सुठालिया में रानी वीरांगना अवन्तीबाई की प्रतिमा के अनावरण समारोह के दौरान सभा को संबोधित करते हुए मध्यप्रदेश सरकार के वर्तमान मंत्री एवं पूर्व सांसद प्रहलाद पटेल ने साफ कहा कि नेताओं को देखते ही जनता एक-एक पन्ने का आवेदन लेकर भीख माँगने पहुँच जाती है। पटेल यहीं नहीं रूके, उन्होंने अपना बेशर्म अंदाज जारी रखते हुए आगे कहा कि जनता जैसे ही किसी नेता को माला पहनाने आती है, वैसे ही एक पन्ने का कुछ थमा देती है। जनता की आदत भीख माँगने वाली है। प्रहलाद पटेल का यह बयान भाजपा के ही मुख पर करारा तमाचा है। हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी ने सांसदों से कहा था कि जनता प्रधान है, कभी भी जमीन पर पटक सकती है इसलिए जनता का आदर करें। प्रधानमंत्री के इस बयान के तुरंत बाद ही प्रहलाद पटेल का यह कारनामा सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। अरे प्रहलाद पटेल जी! सबसे बड़े भिखारी तो आप हो, जो पार्टी के नेताओं का तलवा चाटकर टिकट लाते हो और हर पाँच साल में सपरिवार जनता से हाथ जोड़कर वोटों की भीख माँगते नजर आते हो औश्र पार्टी के बलबूते ही मिले भीख के आधार पर सांसद रहे हो और अब राज्य सरकार में मंत्री हो। तुम्हारी यह बातें जनता के दिमाग में गाली बनकर समा चुकी हैं, आने वाले चुनाव में तुम्हारा हाल भी नरोत्तम मिश्रा की तरह होगा। जैसे नरोत्तम मिश्रा ने अपनी धाक के आगे पब्लिक को भाजी-मूली मान लिया और विधानसभा चुनाव में मुँह के बल गिरे। हे प्रहलाद पटेल जी! कहते हैं लम्बे शरीर वाले की अक्ल घुटने में होती है, वही हाल आपका है। भगवान ने लिप्टिस के पेड़ जैसे शरीर में काश जरा-सा दिमाग भी दिया होता तो आप भरी सभा में उसी जनता को ऐसा न कहते जिसके दिए भीख के बाद आप जैसे वोटों का भिखारी आज मंत्री बने सत्ता का स्वाद चख रहा है। आपके अपनी जिले के लोग भी बताते हैं कि आपकी कोई खास उपलब्धि या विकास भी जनता के बीच नहीं है। बस पार्टी के कमल निशान के सहारे आप जैसे अकर्मण्य लोगों का पेट पालने के लिए जनता ने आपको वोटे देकर क्या से क्या बना दिया है। पटेल जी! मैं भी फेसबुक चलाता हूँ, मैने देखा है कि भीड़-भाड़ वाली जगहों में आप जबरन घुसकर फोटो खिंचवा लेते हैं और बड़े नेताओं के कारण ही आपके गले में कभी कभार स्वागत की मालाएँ पड़ जाती हैं वरना आपकी आपके ही क्षेत्र में कितनी इज्जत है यह भी किसी से नहीं छिपी है। आतंक से प्रभावित बालाघाट क्षेत्र में वैसे ही जनता आए दिन डर के साए में जीते रही है जिसके पास सोंचने का समय नहीं होता है और चुनावों में आप स्जैसे जाहिल नेता को भी पब्लिक वोटे दे दिया करती है इसका यह मतलब नहीं है कि आप उसी जनता को भिखारी कहेंगे। साथ ही यह भी जान लीजिए कि जनता द्वारा सरकार से कुछ माँगना, भीख नहीं कहलाता बल्कि वह एक अधिकार है जिसके लिए जनता ने तमाम कोढ़ी-पापी चरित्र के लोगों को भी विश्वास करके कहाँ से कहाँ तक बैठा रखा है। पटेलजी आप जैसे घटिया नेता, कुछ दिन पहले दिल्ली जाकर खुलेआम जेपी नड़डा और तमाम आला भाजपा नेताओं से मध्यप्रदेश की भाजपा प्रदेशअध्यक्षी भीख में ही तो माँग रहे थे और प्रदेश में अपना माहौल बनाकर एक फर्जी ट्वीट करके अपने प्रदेश अध्यक्ष बनने की फर्जी पोस्ट चेलों से सोशल मीडिया में वायरल करवा लिया था हालांकि पार्टी ने आपके मुखमंडल पर कसकर जूता मारते हुए वह भीख आपको न देकर किसी और को प्रदेश अध्यक्ष बना डाला। हे बद-दिमाग नेता प्रहलाद पटेल जी! यही भ्रम आपके शिवराज सिंह को भी रहा है, शिवराज का अहंकार तो एक समय पर जनता पूरे प्रदेश में देख रही थी लेकिन उनके किसी न किसी बात से आहत जनता ने ही करणी सेना का रूप लेकर चंबल-ग्वालियर क्षेत्र में खींचकर एक जूता शिवराज के मंच पर फेंका था और उसी दिन शिवराज मामा को अपनी हैसियत का पता चल गया था। चूँकि आपके साथ भी जल्द ही वैसा कुछ होगा यह हमारी एक चेतावनी और भविष्यवाणी है। हो सके तो जनता से अपने इन घटिया विचारों के लिए क्षमायाचना कर लीजिए, वरना जनता से बड़ी तुम्हारी भाजपा या मोदीजी नहीं हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!